थाईलैंड यात्रा (दिल्ली से फुकेट ) -भाग-२

हमारी फ्लाइट थाई एयरवेज  TG 332 जो हमे इंदिरा गाँधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से  पकड़नी थी।  उड़ान का समय  २८  मई रात्रि ३.२० बजे का था।   रात्रि ११ बजे ही एयरपोर्ट पहुँच गए।  सबसे पहले सामान को चेक इन में भेजा और बोर्डिंग पास लिया ।  फिर इमीग्रेशन और फिर सिक्योरिटी चेक पार कर हम अपने गेट पर पहुँच गए जहाँ से हमे फ्लाइट पकड़नी थी। जहाज की अंदरूनी सज्जा देखते ही बनती थी।

जहाज की खूबसूरत सज्जा 



 उड़ान समय पर ही थी।  १५ मिनट बाद भोजन परोस दिया गया।  हम ठहरे शाकाहारी।  ज्यादा उम्मीद तो नहीं थी भोजन से पर जब पैकेट खोला तो दंग  रह गए।  दाल ,चावल , पालक पनीर , बन , मखन , गुलाब जामुन जो की बहुत स्वादिष्ट थे।  ४ घंटे २५ मिनट का सफर था जो आराम से कट  गया।


रात्रि की दिल्ली का खूबसूरत नज़ारा


 पहली बार सूर्योदय बदलो के ऊपर से देखा।  स्थानीय समय अनुसार हम प्रातः ९.२५ पर पहुँच गए। सुवर्णभूमी हवाई अड्डा जो वास्तु कला  को  देख कर हम अवाक रह गए।


भव्य स्वर्णभूमि अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा 

चूंकि हमारा सामान फुकेट  तक का बुक था  और हमें connecting  फ्लाइट पकड़नी थी इस लिए हमे केवल वीसा ही लेना था एयरपोर्ट पर।  दिशा चिन्ह स्पष्ट थे इसलिए ज़्यादा मुश्किल नही हुई उस जगह को ढूंढने में जहां visa मिलना था। ज़्यादातर भारतीय फॉर्म भरने के लिए मंगतो की तरह भटक रहे थे। शुक्र था की हम सब फॉर्म पहले ही भर कर आये थे। हमे क्या पता था की आगे काउंटर पर घात लगा कर हमला होना था होना था।  जैसे ही हमारी बारी आयी ठीक उसी समय हमारे मोबाइल का दिया बुझ गया। हा हा कार मच गया  जब officer ने होटल बुकिंग की detail मांगी जो की मोबाइल में ही save थी। अब क्या करे।  यहाँ हमारी ट्रेवल एजेंसी sun leisure world के श्री मनदीप जी ने काफी मदद की।  उन्होंने भागा दौड़ी कर के documents उपलब्ध करवाए। अब इमीग्रेशन अफसर ने हमे वीसा दिया और हमारी जान में जान आयी।  क्योंकि हमने बैंकाक नहीं रुकना था इस लिए हमे domestic ट्रांसफर में भेज दिया गया।  ध्यान देने वाली बात थी की  यही इमीग्रेशन हुआ।  हमारी अगली फ्लाइट १.१५ बजे की थी।  फ्लाइट में केवल जूस और सैंडविच दिया गया। पर देने का तरीका उम्दा था

सुन्दर तरीके से परोसा गया अल्पाहार 
      
1 घटा २० मिंट का सफर आसानी से कट गया। फुकेट  में एजेंसी द्वारा व्यवस्थित ड्राइवर हमारा इंतज़ार कर रहा था। हमारा होटल Deevana Plaza था जो की एयरपोर्ट से ४० किलोमीटर दूर था।  आज घूमने का कोई कार्य कर्म नहीं था इसलिए होटल में चेक इन कर आराम ही किया और थोड़ा बहुत समय तरणताल में बिताया 
होटल Devana Plaza का तरण  ताल आकर्षण का केंद्र था 


रात्रि होते होते अब यह चिंता सताने लगी की भोजन कहाँ किया जाए।  फिर खोज शुरू हुई शुद्ध शाकाहारी भोजनालय की।  काफी जद्दोजहद के बाद Shree  Gangour  रेस्टोरेंट मिला। इसे ढूंढते ढूंढते पसीना निकल गया यहां तक की गूगल  बाबा भी भटक गए।  स्थानीय लोगो से पूछा तो पता चला की सुनसान सा एक कमरा था जिसे रेस्टोरेंट का नाम दिया गया था जिसे परिवार के ४ लोग ही चला रहे थे। यहाँ तक की कोई बोर्ड या चिन्ह भी नहीं था की कोई ढूंढ पाए।  भोजन ४५ मिनट में परोसा गया  और वो भी  टुकड़ो में।  पूर्ण रूप से अव्यवस्थित। मरता क्या न करता  . बस तौबा कर के होटल वापस लौट आये।  इस प्रकार पहला दिन समाप्त हुआ थाईलैंड यात्रा का 

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